टेक्सटाइल पार्क के खिलाफ लामबद्ध हुए बीजेपी नेता

टेक्सटाइल पार्क के खिलाफ लामबद्ध हुए बीजेपी नेता

पार्क में धड़ल्ले से हो रहे प्रदूषण की शिकायत पहुंची प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री से भी हुई शिकायत

अब्दुल सत्तार सिलावट 
डायरेक्टर, फैक्ट न्यूज़

पाली। भारतीय राजनीति में एक अभिशाप है कि जो पार्टी सत्ता में होती है उसके नेता, विधायक, सांसद और मंत्री भी अपने को सरकार में औरों से ज्यादा प्रभावशाली बताने के लिए आपस में लड़ने लगते हैं। एक दूसरे के क्षेत्रों में हस्तक्षेप करते हैं। शुरू में छुप कर और बाद में खुलकर गुटबाजी, एक दूसरे को सत्ता-संगठन और कार्यकर्ताओं से दूर करने में लग जाते हैं।
पाली में भारतीय जनता पार्टी में शुरु हुई कांग्रेसी स्टाईल ही नहीं हू-ब-हू कांग्रेस के पदचिन्हों पर चल रही भारतीय जनता पार्टी में गुटबाजी की झलक दिख रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी स्वयं को नरेन्द्र मोदी स्टाईल में न्यूयार्क के टाइम्स स्मयर पर स्थापित कर रहे हैं और पश्चिमी राजस्थान में बीजेपी में गुटबाजी की एक झलक पाली जिले में खुद बीजेपी के सांसद, विधायक, मंत्रियों की चुप्पी के कारण कांग्रेसी नेताओं के ईशारों पर जयपुर में बैठे प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारियों के फोन पर जिला प्रशासन अवैध रूप से प्रदूषण फैलाने वालों को मौन समर्थन दे रहा है।
पाली जिले से केन्द्र सरकार में एक मंत्री के साथ राजस्थान सरकार में एक केबिनेट, दूसरे मंत्री केबिनेट के समान ही ऊर्जा राज्य मंत्री और राजस्थान विधानसभा में उप मुख्य सचेतक भी हैं। पाली जिले में पंचायतों के सरपंच, प्रधान से लेकर स्वायत्त शासन (निकायों) में भी भाजपा का एकाधिकार है। 
पाली शहर में 600 फैक्ट्रीयां भाजपा समर्थकों और भाजपा नेताओं के सहयोगियों की है। भाजपा नेताओं की आपसी फूट के कारण प्रदूषण के नाम पर 10 माह तक ये फैक्ट्रीयां बंद रही। लेकिन इसी पाली में दिल्ली से आये राहुल गांधी टीम के कांग्रेसी नेता के टेक्सटाइल पार्क में एक दर्जन से अधिक टेक्सटाइल फैक्ट्रीयां 10 माह तक जयपुर में बैठे प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सर्वोच्च अधिकारियों के सहयोग से पार्क में लगे जेडएलडी ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने और फैक्ट्रीयों से जेडएलडी तक प्लांट की पाइप लाईनें चोक होने के बावजूद भी धड़ल्ले से टेक्सटाइल पार्क चलता रहा और इसका श्रेय पाली के एक कांग्रेसी नेता को जाता है। जिसने अपने ऊँचे रसूख के चलते इस पार्क पर कभी कोई कार्यवाही नहीं होने दी। 
बस, यही बात भाजपा के प्रदेश नेताओं तक पहुंचने के बाद अलग-अलग गुटों के बंटे हुए सभी बीजेपी नेता एक होकर टेक्सटाइल पार्क बंद करवाने की दौड़ अब शुरू कर चुके हैं। ऐसी खबरें एनजीटी के निर्णय पर मंडिया रोड़ औद्योगिक संगठन की आज की बैठक में मुख्य रूप से चर्चा का विषय रही और यहां तक भी बताया गया है कि पाली का यह टेक्सटाइल पार्क इंटीग्रेटेड पार्क के नाम पर 36 करोड़ की भारत सरकार से मिली सब्सिडी वापस वसूली के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को विस्तृत रिपोर्ट भी भेजी गई है।
पाली से एक विशेष प्रतिनिधि मंडल ने भी मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे से मिलकर टेक्सटाइल पार्क में प्रदूषण फैलाने, कृषि भूमि और खारड़ा बांध में तेजाबी पानी छोडने के साथ तीन महीने से बिजली कनेक्शन काटने की अनुशंसा को प्रदूषण नियंत्रण मंडल मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा पाली के कांग्रसी नेता के ईशारे पर दबाकर रखने की शिकायत कर टेक्सटाइल पार्क बंद करने की मांग की है।
भाजपाईयों के लिए यह एक खुशी की बात है कि कांग्रेसी नेता के टेक्सटाइल पार्क बंद करवाने के मिशन के कारण भी यदि सांसद, विधायक और मंत्री गुटबाजी खत्म कर एक हो जाएं तो विधानसभा चुनाव 2018 में अच्छे परिणामों की उम्मीद की जा सकती है।

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